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दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi : दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें
दिपावली हमारे देश का प्रसिद्ध त्योहार है। हम इसे बहुत धुम-धाम से मनाते मान्यता है कि प्रभु श्री रामचन्द्रजी इसी दिन वन से लौटकर अयोध्या आये थे अयोध्या वासी राम जी के लौटने की खुसी मे वै अयोध्या को दिप से सजा दिया था पुरा अयोध्या दिपक से जगमगा गया था इसी दिन से लोग हर साल दिपावली के रूप में इस दिन दिप जलाकर मनाने लगे । दिपावली और भि अन्य देशों मे मनाया जाता है, दिपावली के दिन हम अपने प्रियजनो को मिठायी बाटते है और अपने रिश्तेदार को भी मीठायी देते हैं और खुब खुशीया मनाते है। इस त्योहार के दिन हम लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा करते है। दिपावली के एक या दो दिन पहले हम बजार से लक्ष्मी जी और गणेश जी की मुर्ती खरिदते है दिपावली के एक या दो दीन पहले धग्वेरस मनाया जाता है इस दिन कोई बरतन, और झाडु खरिद है, और चादी या सोने का सिक्का भि खरिदते है, और रात मे पुजा के
के समय चढ़ाया जाता है। दिपावली का त्यौहार आने के कुछ दिन पहले हम त्यारी करते हैं दिपावली आने के दो चार दिन पहले और दो-चार दिन बाद तक चहल पहल रहता है लोगो के अन्दर उत्साह रहता है
दिपावली आने के कुछ दिन पहले
से हम अपने घरों की और द्वारा की सफाई करना सुरू कर देते है इसलिए हम इसे सफाई का त्योहार भी कहते हैं, घरो में चुना से पोताई करते है हम दरवाज की प्रोताई करते बरसात के मौसम मे जो बरसात के पानी से घरो में कुडा करकट लगा होता है उसकी सफाई करते है
दिपावली के दिन लोग पटाखे जलाते और वायु मे गन्ध फैला लाते है, जिसके कारण वायु मे प्रदुषण होता है हमे दिपावली के दिन हमे शपथ लेना चाहिए की हम अपने देश के प्रदुषण से भुक्त करेगें और हमे पटाखा नहीं जलाना चाहिए। पटाखो से बहुत नुकसान भि है, जैसे लोग तेज अवाज वाली पटाखा पसंद करते है, जिससे कि बहुत नुकसान होता लोग तेज अवाज वाली पठाखों से लोगो कि काने बहरा हो जाता है और पटाखो से जहरीलीा धुआं निकलता मनुष्य को बहुत नुकसान पहुंचाता है और हवा को भि गन्दा करता है की बहुत खतरनाक है। पटाखे से लोगो के अंग जल जाते है। इसी समय किसान भि अपने धान की खेत की कटाई करते हैं और जो पुआल होता है उसे जला देते हैं जिससे कि वायु मे बहुत
ज्यादा मात्रा मे धुआ मिल जाता है और वायु प्रदुषण अपने चरम सिमा पर पहुंच जाती है जिससे लोगो को सांस लेने में परेसानी होती है और अनेक प्रकार के बिमारिया फैल जाती है और लोगो को बहुत नुकसान होता है।
वायु प्रदुषण को कम करने के उपाय वायु प्रदुषण को कम करने के लिए हमे दिपावली मे धुवाँ वाला पठाखा नही जलाना चाहिए इसमे अनेक प्रकार के गन्ध वाले गैस वायु को जहरिला बनाता है जो हमारे स्वाथ्य के लिए हानिकारक है।
वायु प्रदुषण को कम करने के लिए चिमनियों का हुआ निकलता है उसको हमे कम करना चाहिए
दिपावली की रात लोग, लोग आतिशबाजी करते और कहते (जुआ खेलते है कि विपावली के दिन जो हुआ मेजित जाता है वह हमेशा
मास्टर माइण्ड बन जाता है । और जो हारता है वह साल भर हारता ही रहता है लेकिन उसके बाद भि लोग हमेशा हुआ खेलता है इस जुमे वो हारता है वह अपना हर एक चिज दाव पर लगाकर खेलता है।
और जब हार जाता है तो वह पुरी तरह से बरबाद हो जाता है इसलिए हमे जुआ नही खेलना चाहिए क्योंकि इसकी आदत बहुत बुरी है एक बार जब आदमी जुआँ की ओर बढ़ जाता है तो उसे कुछ दिखाई नही देता वह उस दलदल मे फसता जाता जब तक की वह पूरी तरह बरबाद नहीं हो जाता उसके बाद उसे समझे समझ आती है तब तक वह सारा कुछ खो दिया रहता है। इसलिए हमे कभि भि बुरी आदत नहीं करती चाहिए और हमे इस दिपावली शपथ लेना चाहिए कि हम काभ हुआ नही खेलेगें और हमे पटाखा भि जलाना चाहिए हमे अपने देश को प्रदूषण से बचाने का अपथ लेना चाहिए।
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